इन दिनों कई लोग फेसबुक पर फर्जी मैसेज भेजने वाले वायरस के आतंक से प्रभावित हैं। इस वायरस से प्रभावित फेसबुक अकाउंट से दोस्तों को मैसेज भेजकर एक वीडियो लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। यह पहली बार नहीं है, जब फेसबुक किसी वायरस के चपेट में आया है। हालांकि कुछ बेहद सरल उपायों के जरिए इस वायरस से छुटकारा पाया जा सकता है।
इसलिए खतरनाक है वायरस
यह वायरस यूजर की जानकारी के बगैर ही उसके फेसबुक अकाउंट से दूसरे यूजर के इनबॉक्स में मैसेज भेज देता है। इस मैजेस के साथ यूजर के फेसबुक अकाउंट पर लगी फोटो नजर आती है। सामने वाला यूजर इस फोटो को देखने के लिए जैसे ही मैसेज पर क्लिक करता है, वायरस उसके अकाउंट में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद वह यूजर उस कंप्यूटर पर अपने फेसबुक अकाउंट से लॉग-आउट नहीं कर पाता है। यही नहीं, उसके अकाउंट से फर्जी मैसेज दोस्तों के इन-बॉक्स और टाइमलाइन पर भी जाने लगता है।
यह वायरस यूजर की जानकारी के बगैर ही उसके फेसबुक अकाउंट से दूसरे यूजर के इनबॉक्स में मैसेज भेज देता है। इस मैजेस के साथ यूजर के फेसबुक अकाउंट पर लगी फोटो नजर आती है। सामने वाला यूजर इस फोटो को देखने के लिए जैसे ही मैसेज पर क्लिक करता है, वायरस उसके अकाउंट में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद वह यूजर उस कंप्यूटर पर अपने फेसबुक अकाउंट से लॉग-आउट नहीं कर पाता है। यही नहीं, उसके अकाउंट से फर्जी मैसेज दोस्तों के इन-बॉक्स और टाइमलाइन पर भी जाने लगता है।
कंप्यूटर को प्रभावित करता है
यह वायरस यूजर के निजी फेसबुक अकाउंट के साथ-साथ उस कंप्यूटर को भी प्रभावित करता है, जिस पर साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही वजह है कि लोग उस कंप्यूटर से अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड नहीं बदल पाते हैं। यह एक खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन के तौर पर काम करता है। ‘क्रोम एक्सटेंशन’ स्मार्टफोन एप की तरह होते हैं, जिनका इस्तेमाल कंप्यूटर पर किया जाता है। साइट पर दोस्तों के अकाउंट से आने वाले फर्जी मैसेज पर जो भी व्यक्ति क्लिक करता है, उसके सामने एक नया वेब पेज खुलता है। इस वेब पेज पर वीडियो की जगह एक खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन मौजूद होता है। हैकर ऐसे एक्सटेंशन बनाकर चुपके से क्रोम वेबस्टोर पर अपलोड कर देते हैं। इन पर क्लिक करते ही ये बिना अनुमति के क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करने वाले यूजर के कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाते हैं।
यह वायरस यूजर के निजी फेसबुक अकाउंट के साथ-साथ उस कंप्यूटर को भी प्रभावित करता है, जिस पर साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही वजह है कि लोग उस कंप्यूटर से अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड नहीं बदल पाते हैं। यह एक खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन के तौर पर काम करता है। ‘क्रोम एक्सटेंशन’ स्मार्टफोन एप की तरह होते हैं, जिनका इस्तेमाल कंप्यूटर पर किया जाता है। साइट पर दोस्तों के अकाउंट से आने वाले फर्जी मैसेज पर जो भी व्यक्ति क्लिक करता है, उसके सामने एक नया वेब पेज खुलता है। इस वेब पेज पर वीडियो की जगह एक खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन मौजूद होता है। हैकर ऐसे एक्सटेंशन बनाकर चुपके से क्रोम वेबस्टोर पर अपलोड कर देते हैं। इन पर क्लिक करते ही ये बिना अनुमति के क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करने वाले यूजर के कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाते हैं।
ऐसे करें बचाव
कंप्यूटर पर खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन की पहचान मुश्किल नहीं है। इसके लिए सबसे पहले गूगल क्रोम की ‘सेटिंग्स’ में जाएं। यहां स्क्रीन पर बाईं ओर ऊपर की तरफ ‘हिस्ट्री’ के नीचे ‘एक्सटेंशन’ का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने पर कंप्यूटर में मौजूद सभी एक्सटेंशन की सूची आ जाएगी। अगर कोई ऐसा एक्सटेंशन नजर आ रहा है, जो आपने इंस्टॉल नहीं किया है तो उसके सामने दिए गए ‘डिलीट’ बटन पर क्लिक करें। संदिग्ध क्रोम एक्सटेंशन हटाने के बाद आपका अकाउंट सुरक्षित हो जाएगा। इसके बाद अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड जरूर बदल दें।
कंप्यूटर पर खतरनाक क्रोम एक्सटेंशन की पहचान मुश्किल नहीं है। इसके लिए सबसे पहले गूगल क्रोम की ‘सेटिंग्स’ में जाएं। यहां स्क्रीन पर बाईं ओर ऊपर की तरफ ‘हिस्ट्री’ के नीचे ‘एक्सटेंशन’ का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने पर कंप्यूटर में मौजूद सभी एक्सटेंशन की सूची आ जाएगी। अगर कोई ऐसा एक्सटेंशन नजर आ रहा है, जो आपने इंस्टॉल नहीं किया है तो उसके सामने दिए गए ‘डिलीट’ बटन पर क्लिक करें। संदिग्ध क्रोम एक्सटेंशन हटाने के बाद आपका अकाउंट सुरक्षित हो जाएगा। इसके बाद अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड जरूर बदल दें।
एप से भी बचाव करें
यूजर फेसबुक सेटिंग खोलकर यह देख सकते हैं कि किस एप ने उनके अकाउंट से लॉग-इन कर रखा है। इन्हें हटाने के लिए ‘फेसबुक सेटिंग्स’ में जाएं। यहां नीचे की ओर ‘एप्स’ का विकल्प मिलेगा। यहां हर एप के सामने दिए गए ‘क्रॉस’ के चिह्न पर क्लिक कर उन्हें हटा दे
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Hemwati Nandan Rajaura covers journalism and technology events, plus shares tips and advice on useful tools for journalists and reflections on the industry. Presently he is working as Senior sub editor with Hindustan Newspaper ,
HEMWATI NANDAN RAJORA
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