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‘उमर विदेश पढ़ने इसलिए नहीं गया क्योंकि उसे अपने देश के लिए काम करना था। वह शुरू से आदिवासियों के लिए काम करना चाहता था। लेकिन आज उसके आतंकवादियों से संबंध बताए जा रहे हैं।’ ये कहना है डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के पूर्व सदस्य उमर खालिद की बहन फातिमा का। फातिमा अमेरिका की मैसाच्यूसेट्स यूनिवर्सिटी में अस्सिटेंट प्रोफेसर हैं। फातिमा बताती हैं कि वह जब 2012 में पीएचडी करने अमेरिका गईं तब वह चाहती थीं कि उनका भाई भी विदेश पढ़ने जाए। लेकिन उमर का कहना था कि वो अपने देश में रहकर काम करना चाहता है। उमर खालिद पर जेएनयू में देशविद्रोही नारे लगाने का आरोप है। वह इस समय फरार है। 

उमर नहीं गया पाकिस्तान

फातिमा का कहना है उमर कभी पाकिस्तान नहीं गया। उसके पास पासपोर्ट ही नहीं है। फातिमा ने जब उमर से विदेश में पढ़ने की बात कही थी तभी पासपोर्ट बनवाने को भी कहा था। लेकिन उमर ने पासपोर्ट बनवाने से मना कर दिया था।

नास्तिक होने पर ऐतराज नहीं

फातिमा कहती हैं कि हमारे परिवार को उसकी वामपंथी विचारधारा से कोई ऐतराज नहीं है। उमर के पिता इलियास ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा नास्तिक हो गया है तब भी उन्होंने उस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई।

बाहरी लोगों ने लगाए नारे 

फातिमा का कहना है कि उमर की गलत छवि बनाई जा रही है। जिन नारों पर विवाद है वह जेएनयू में बाहर से आए छात्रों ने लगाए थे। उमर अपने परिवार का एकलौता बेटा है और छह भाई बहनों में सबसे बड़ा है। उमर के पिता डॉ. एसक्यूआर इलियास दिल्ली के जामिया नगर से अख्फार-ए-मिली नाम की उर्दू मैगजीन निकालते हैं। साथ ही वह हाल ही में बनी वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी हैं और उमर की मां डॉक्टर हैं।

‘हम कश्मीरी नहीं, नागपुर के हैं’

उमर खालिद के पिता इलियास कहते हैं कि मेरे बेटे को कश्मीरी कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि उसके आतंकवादियों से संबंध है। ये बिल्कुल गलत है हम लोग तो नागपुर, महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उमर हमेशा से पढ़ने-लिखने वाला छात्र रहा है। उमर गणित में काफी अच्छा था लेकिन उसने दलितों के लिए काम करने को ही अपना जुनून बना लिया। यहां तक कि  पीएचडी के दौरान मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल भी उमर दलितों के लिए करता रहा है। शुरुआत में उमर क्रिकेटर बनना चाहता था। दिल्ली क्रिकेट अकादमी में अंडर 12 में खेला भी है। लेकिन पैर की चोट लगने के बाद उसका क्रिकेटर बनने का सपना टूट गया।

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