स्मृति इरानी की एक्टिंग से उनके साथी कलाकार मोहम्मद जीशान अय्यूब भी खुब प्रभावित हुए हैं। रांझणा तनु वेड्स मनु जैसी फिल्मों में काम कर चुके अय्यूब ने अपनी साथी कलाकार को कुछ नसीहतें भी दी हैं। जरूर पढ़ें अय्यूब का इरानी जी के लिए पत्र
Smriti Irani Ji,
स्मृति इरानी जी
अभी लोक सभा टी वी पर आपकी स्पीच देखी। मैं एक जूनियर के नाते बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ। हमें बचपन से सिखाया जाता है कि हमेशा सीखते रहो। आप पर बहुत गर्व हुआ कि आप आज तक एक्टिंग करने की सम्पूर्ण कोशिश कर रही हैं। मैं समझ सकता हूँ कि टीवी ने आपको बहुत जल्दी स्टार बना दिया था, एक्टिंग का मौका नहीं दिया।
फिल्मों में तो कितनों को चांस मिल पाता है , आपने बिलकुल ठीक किया जो बड़ा मंच चुना।
आपका आज का मोनोलॉग सराहनीय था। पर माफ़ कीजियेगा अभी बहुत काम बाकी है। मैंने थियटर इसलिए नहीं बोला क्यूंकि उसमें ऐसी एक्टिंग नहीं चल पाती। आपकी स्पीच बहुत मोनोटोनस थी।
आपने एक ही इमोशन को पकड़ रखा था, जानता हूँ वह बहुत कमाल का था (मुझे रोना आ रहा है पर मैं रो तो नहीं रहा ) यह भाव ऑडियंस को भावुक और कनवेंस कर लेता है।
मैं कहूँगा कि आपको बीच बीच में आवाज़ crack भी करनी चाहिये थी। (आपने शायद कोशिश भी की थी पर काफी नहीं थी )..या आप बीच में किसी से पानी मांग लेतीं तो असर ज्यादा होता। Natural बनाने के लिए आपने बीच में पेपर उठाते हुए अभिनय जारी रखा, वह भी अच्छा था। Still where is the conviction beta?
अन्दर से आप भरी हुयी हैं। यह आभास आपने बखूबी कराया। पर again same thing, lack of conviction and monotony.
दूसरा जिसने भी आपका यह monologue, ohh I am so sorry, speech वह अच्छी थी, कविताओं का इस्तेमाल, कुछ पढ़ते हुए लाइंस का सेलेक्शन वगरह . Very nice. थोडा सा लॉजिक रखा जता और flow of events पे ध्यान दिया जाता तो शायद ज्यादा सही रहता।
बाकी मैं राइटर नहीं हूँ इसलिए स्क्रिप्ट , ohh sorry again, speech पे कुछ जयादा नहीं कह पाऊंगा। पर प्लीज एक्टिंग पे थोडा और ध्यान दीजिये, बहुत स्कोप है। But I think as you are out of practice this is possible. I am with you on this. उम्मीद है आप बुरा नहीं मानेंगी।
आपका एक जूनियर प्रशंसक
एक अदना सा एक्टर
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