एक, अपना सिर कलम कर लेंगी, तो किसी के भी पैर पर कैसे रखेंगी.
और दो, कोटे से बाहर जाकर किसी को एडमिशन देने का मतलब होता है किसी का हक मारना. कितने हजार बच्चों का हक मारा? जिनका एडमिशन नहीं हुआ है उन्हें चाहिए कि इस कबूलनामे के बाद, मनुस्मृति ईरानी को कोर्ट में घसीटें. बच्चों से हेराफेरी नहीं चलेगी.
मनुस्मृति ईरानी ने आज संसद में चैलेंज किया कि कोई बता दे कि मैं किस जाति की हूं. इसमें चैलेंज की क्या बात है? जाति बताने के लिए सरकार के पास अजित डोभाल जैसा नेशनल सिक्युरिटी अडवाइजर भी तो है, जिसे सरकार ने रोहित वेमुला की जाति जांचने के काम में लगाया था. उनसे पूछिए.
वैसे, गूगल ने एक सेकेंड के भी बहुत छोटे से हिस्से में बता दिया कि मनुस्मृति मल्होत्रा, आप खत्री जाति में जन्मी हैं. ब्राह्मणवादी जाति व्यवस्था के हिसाब से ब्राह्मणों से नीच. वैश्य से ऊपर.
मेडम से कुछ सवाल
2. क्या जवाब में मनुस्मृति ईरानी के मंत्रालय ने एक के बाद एक चार चिट्ठियां वाइस चांसलर को लिखकर रोहित वेमुला और साथियों का सामाजिक बहिष्कार कराया?
3. क्या रोहित वेमुला की फेलोशिप के रुपए सात महीने से रोक कर रखे गए थे?
मुझे और कुछ नहीं कहना है मीलॉर्ड. मनुस्मृति ईरानी और बंदारू दत्तात्रेय अपराधी हैं. उनके हाथ देश के एक बेहतरीन रिसर्च स्कॉलर के खून से रंगे हैं. मनुस्मृति ईरानी भी अपनी सफाई में यह नहीं कह रही हैं कि यह सब नहीं हुआ. वे दुनिया भर की और बातें सुना रही हैं. लेकिन अपने अपराध को लेकर वे खामोश हैं.
दिलीप मंडल जी की कलम से .........
#smirti rani vs mayawati, smirti rani firing speech in parliament
आखिर मांग ही लिया मायावती ने स्मृति का सिर, अब क्या करेंगी मैडम इरानी
णमूल कांग्रेस के सांसद सुगत बोस ने जेएनयू मुद्दे पर छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया
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