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  संसद की जवाबदेही को सीरियल की अदाकारी समझने वाली मेडम को कोई बताए कि संसद में लोग आपसे खुशी में इस्तीफा नहीं मांग रहे थे. वैसे भी आपका सिर कोई फूल नहीं जिसको चरणों में अर्पित किया जाता हो. क्या आपके सिर काटने से रोहित की जान वापस आ सकती है या देश की शिक्षा व्यवस्था सुधर सकती है? 

अगर आपके लिए अपने सिर का बिल्कुल महत्व नहीं तब एक काम कीजिए.. थोड़ा सोचिए कि रोहित ने जान क्यों दी थी. थोड़ा और सोचिए और समझने की कोशिश कीजिए कि देश के शि्क्षा संस्थानों का नेतृत्व उस सोच के लोगों को दे दिया जाए जो मानते हैं कि हनुमान जी एक उंगली पर पहाड़ ले आए थे। जो सोचते हैं कि गणेश जी भारत की प्राचीन शल्य चिकित्सा का उदाहरण हैं तो कैसे विज्ञान में चीन और अमेरिका की बराबरी की जाएगी। अगर यह सोचने पर आपका सिर भारी होने लगे तो समझिए आपको इसे काटकर अर्पित करने की जरूरत नहीं है। माना कि ये जरूरी नहीं कि कुशल नेतृत्व के लिए येल यूनिवर्सिटी की डिग्री जरूरी हो लेकिन देश की पढ़ाई- लिखाई का महकमा संभालने के लिए आधुनिक विचारों को समझना तो आना ही चाहिए? 


जिनकी लिखी चिट्ठी के दवाब में रोहित वेमुला को हॉस्टल से निकला जाता हैं वह कह रही हैं कि मेरे जवाब से अगर आप और आपकी पार्टी के नेता संतुष्ट नहीं होते हैं तो मैं आपके चरणों में अपना सर कलम करके रखने को तैयार हूँ। 

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राज्यसभा में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच जबरदस्त बहस हो गई। मायावती ने रोहित वेमुला के मामले पर स्मृति से इस्तीफा मांगा था। इसपर स्मृतिन  कहा कि मैं पूरे मामले पर जवाब देने को तैयार हूं। स्मृति मायावती का जवाब देते हुए बेहद रोष में दिखीं। उन्होंने लगातार इस्तीफे की मांग कर रही मायावती से कहा कि आप पहले मेरा जवाब तो सुन लिजिए। उन्होंने आगे कहा कि मेरे जवाब से अगर आप और आपकी पार्टी के नेता संतुष्ट नहीं होते हैं तो मैं आपके चरणों में अपना सर कलम करके रखने को तैयार हूँ।


 गौरतलब है कि मायावती और स्मृति ईरानी दोनो ही उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में सांसद हैं। 2017 में उत्तर-प्रदेश में विधानसबा चुनाव होने वाले हैं जिसमें बसपा और भाजपा दोनो ही पार्टियां दलित वोटोरों को भुनाने में जुटी नजर आ रहीं हैं। जहां दलित बसपा के पारंपरिक वोट बैंक माने जाते हैं वहीं भाजपा रविदास जयंती समारोह, अंबेडकर ‘पंचतीर्थ’ जैसे योजनाओं से बसपा के इस पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की जुपगत में लगी दिख रही है। 
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Hemwati Nandan Rajaura covers journalism and technology events, plus shares tips and advice on useful tools for journalists and reflections on the industry. Presently he is working as Senior sub editor with Hindustan Newspaper , 




1 comments:

  1. अगर आपके लिए अपने सिर का बिल्कुल महत्व नहीं तब एक काम कीजिए.. थोड़ा सोचिए कि रोहित ने जान क्यों दी थी. थोड़ा और सोचिए और समझने की कोशिश कीजिए कि देश के शि्क्षा संस्थानों का नेतृत्व उस सोच के लोगों को दे दिया जाए जो मानते हैं कि हनुमान जी एक उंगली पर पहाड़ ले आए थे। जो सोचते हैं कि गणेश जी भारत की प्राचीन शल्य चिकित्सा का उदाहरण हैं तो कैसे विज्ञान में चीन और अमेरिका की बराबरी की जाएगी। अगर यह सोचने पर आपका सिर भारी होने लगे तो समझिए आपको इसे काटकर अर्पित करने की जरूरत नहीं है।

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