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वीडियो में कन्हैया कुमार सुप्रीम कोर्ट के जांचकर्ता वकीलों से कहते दिखते हैं कि पुलिस अगर चाहती, तो हमलावरों को उसी वक्त गिरफ्तार कर सकती थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और हमलावर कोर्ट रूम से हाथ हिलाते हुए निकल गए.
देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के पटियाला हाउस कोर्ट में पिटाई मामले में अपना बयान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों के सामने दर्ज कराया है। वरिष्ठ वकीलों की टीम और कन्हैया  के बीच हुए सवाल-जवाब का एक्सक्लूसिव वीडियो सामने आया है जिसमें  वकीलों और कन्हैया कुमार के बीच हुई बातचीत दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट की टीम के सामने पेश होने के दौरान कन्हैया कुमार ये दावा किया कि कोर्ट में उसके साथ जमकर मारपीट हुई और आरोपी वकील को उसने पहचान लिया था।



इस वीडियो में कन्हैया कह रहा है कि कोर्ट में घुसते ही मुझ पर हमला किया गया। वकीलों ने मुझे गिरा दिया था और मुझे लात-घूंसों से पीट रहे थे। मेरे कपड़े फट गए, पैंट उतर गई और चप्पल निकल गई। पिटाई के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। वकीलों ने कुछ और वकीलों को भी बुलाया था।
बोल कन्हैया
•             पुलिस जब मुझे पटियाला हाउस कोर्ट में लेकर आई तो गेट के पास सबसे पहले मुझे मीडिया वालों ने घेर लिया.
•             फिर उन लोगों से बचाते हुए पुलिस मुझे अंदर ले गई. जैसे ही हम परिसर के अंदर दाखिल हुए काला कोटपहने कुछ लोगों की भीड़ ने हमारे ऊपर हमला कर दिया.
•             वो लोग मानो हमले के लिए पहले से ही तैयार बैठे हुए थे. मुझे लगता है कि यह सब प्लानिंग के तहत हो रहा था, क्योंकि कुछ लोग हमें पीट रहे थे और बाकी लोग आवाज लगा रहे थे आ गया... आ गया...
•             वो लोग झुंड में मारपीट कर रहे थे. मैं एक से छूट रहा था, तो दूसरा मार रहा था. इस दौरान कई बार मैं मोटरसाइकिलों पर गिरा और मुझे चोट लगी.
•             कोर्ट रूम में पहुंचने तक मेरे कपड़े फाड़ दिए गए थे. जो पुलिसवाले मुझे लेकर आए थे, उनकी भी पिटाई हुई.
•             जब मैंने कोर्ट रूम में मौजूद बाकी पुलिस वालों से कहा कि ये लोग मुझे मार रहे हैं, तो उन्होंने कुछ नहीं किया.
•             उन हमलावरों को वहीं पकड़ने का पूरा मौका पुलिस के पास था, लेकिन पुलिस चुप रही. मैं उन हमलावरों और पुलिसवालों को पहचान सकता हूं.
•             वो लोग गालियां दे रहे थे. नारे लगा रहे थे. मैं दावे से कह सकता हूं कि वो लोग राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित लोग थे.
•             मेरी वकील ने पूछा था पुलिसवालों से कि इसके कपड़े कैसे फटे आप लोगों के होते हुए, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.



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