एक तरफ स्मृति इरानी रोहित की मौत पर दुखी होने का अभिनय कर रही थीं दूसरी तरफ उनकी ही पुलिस रोहित की मां को सड़कों पर घसीट रही थी। ये खबर शायद ही किसी मीडिया चैनल पर दिखाई गई है। लेकिन केंद्र सरकार के ये दो चेहरे बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं। रोहित की मां का गुनाह यह था कि वे अपने बेटे की याद में तमाम शुभचिंतकों के साथ इंडिया गेट पर मोमबत्ती जलाने गई थीं। चौकन्नी मोदी सरकार की पुलिस ने वही किया जो उसे हुक्म मिला था। राधिका वेमुला और तमाम नौजवानों को थाने ले जाया गया,
बहरहाल, स्मृति इरानी से रोहित की माँ ने सीधा सवाल किया है। उम्मीद है कि स्मृति इरानी मेकअप उतारने के बाद इन पर गौर करेंगी। राधिका वेमुला ने कहा है–
“मैं स्मृति ईरानी से मिलकर पूछना चाहती हूं, ‘आपने किस आधार पर मेरे बेटे को राष्ट्र विरोधी घोषित किया? आपके मंत्रालय से चिट्ठी लिखी गई थी कि मेरा रोहित और बाकी दलित छात्र राष्ट्र विरोधी अतिवादी थे। आपने कहा कि वह दलित नहीं था। आपने उसे झूठा सर्टिफिकेट रखने वाला बताया। क्या मुझे कहना चाहिए कि आपकी पढ़ाई-लिखाई के सर्टिफिकेट झूठे हैं, इसलिए आप दूसरों के बारे में भी ऐसा सोचती हैं?
आपने मेरे बेटे का वज़ीफा रोक दिया, आपकी वजह से उसे यूनिवर्सिटी से सस्पेंड किया गया। आप मानव संसाधन विकास मंत्री हैं लेकिन आपको पढ़ाई-लिखाई की कद्र नहीं है। आप कभी नहीं समझ सकतीं कि एक दलित के लिए पीएचडी की पढ़ाई तक पहुंचना कितना मुश्किल है। यहां तक पहुंचने में आने वाली तकलीफ़, संघर्ष, आंसुओं और त्याग की आप कल्पना भी नहीं कर सकतीं। तीन महीने में आपने वो सबकुछ तबाह कर दिया जिसे संवारने में मुझे 26 साल लग गए। मैं अपने रोहित की बात कर रही हूं, 26 साल की उम्र में वो मर गया…मैं उनसे ये सब कह देना चाहती हूं।
मैं मोदीजी से पूछना चाहती हूं…पांच दिन तक आप ख़ामोश रहे। आप आंबेडकर यूनिवर्सिटी गए और स्टूडेंट्स के विरोध करने पर आपने कहा, ‘मां भारती ने एक लाल खोया है।’ अगर अपने कहे पर आपको सचमुच यक़ीन है तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की जिन्होंने मेरे बेटे को राष्ट्र विरोधी कहा। कौन सही है? क्या वो मंत्री? अगर मंत्री सही हैं तो पीएम ने एक राष्ट्र विरोधी को भारत का लाल क्यों कहा? मुझे इन सवालों का जवाब कौन देगा?”
एक सवाल ‘माँ ‘ के अभिनय पर फ़िदा मीडिया से भी है कि असल माँ के सवालों से वह मुँह क्यों फेरे हुए है !
कुछ तो शर्म हो, नाम उमर खालिद ज़रूर लेकिन मैं आतंकी नहीं हूं
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