10:43:00 AM


पोल में पिछड़ीं


  1. 2017 में होने वाले आम चुनाव में जर्मनी में नई सरकार चुनी जाएगी
  2. 48 फीसदी लोग मार्केल के चांसलर बनने के खिलाफ हालिया सर्वेक्षण में 
  3. 44 फीसदी लोग उन्हें अब भी दोबारा चांसलर के तौर पर देखना चाहते हैं



 जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल शरणार्थियों के मुद्दे पर अपने देश में अकेली पड़ती जा रही हैं। मार्केल उन लोगों में से एक थीं जिन्होंने यूरोप में शरणार्थियों को बड़े पैमाने पर शरण देने की बात कही थी। लेकिन अब उनकी नीतियों के खिलाफ जर्मनी के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। हालांकि अब मार्केल ने मान लिया है कि यूरोप में शरणार्थियों की समस्या काफी बढ़ गई है। लेकिन इसके बावजूद सोमवार को जर्मन शहर लिपजिग एंजेला के खिलाफ हजारों लागों ने बड़ी रैली निकाली। इन लोगों के हाथों में तख्तियां थीं जिस पर लिखा था कि जर्मनी में शरणार्थियों का स्वागत नहीं किया जाएगा। भीड़ ने मार्केल पर संविधान का उल्लंघन की बात कही और कहा कि अब उनको इस पद से हट जाना चाहिए। 


यूरोप की बाहरी सीमाओं को करें मजबूत

मार्केल ने हाल ही में हुई बैठक में माना है कि शरणार्थियों के चलते यूरोप कमजोर पड़ गया है। उन्होंने कहा है कि देशों के बीच में बाड़ लगाने के बजाय यूरोप की बाहरी सीमाओं को मजबूत करने की जरूरत है। शरणार्थियों को रोकने के लिए यूरोप के पास कोई सीमा नहीं है। 

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