भारत भले ही मंगल पर उपस्थिति दर्ज करा चुका हो, लेकिन यह भी सच है कि देश में 19 करोड़ लोगों को दो वक्त का भोजन नहीं मिल पाता। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा भूखे लोग भारत में रहते हैं फिर भी देश में हर साल 44 हजार करोड़ रुपये का खाना बर्बाद होता है। रंगराजन कमेटी के मुताबिक 32 रुपये से कम कमाने वाले को यदि गरीब माना जाए तो बर्बाद होने वाले खाने की रकम इतनी है कि इससे देश के 3.77 करोड़ लोगों को एक साल तक मुफ्त में खाना खिलाया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत की 15.2 फीसदी आबादी को पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं खाद्य सुरक्षा समेत गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के बावजूद भारत में गरीबी घटने की दर भी सबसे कम है। 1600 केस पर सिर्फ एक जज, 20 लाख को 10 साल से नहीं मिला न्याय
हंगर विषय पर काम करने वाले भारतीय एनजीओ ‘भूख’ के मुताबिक 20 करोड़ भारतीय रात का खाना नहीं खा पाते। भूख या भूख की वजह से होने वाली बीमारियों से हर दिन सात हजार भारतीय अपनी जान गंवा देते हैं। भूख से हर साल दुनियाभर में एक करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 80.5 करोड़ लोग भूख के शिकार हैं।
भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। फल और सब्जियों के उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। फिर भी देश के 19 करोड़ से ज्यादा लोगों को खाना नहीं मिल पाता। भारत में खाने की बर्बादी की सबसे बड़ी वजह भंडारण क्षमता में कमी है। 2008 में जहां देश में 23 करोड़ टन अनाज पैदा होता था, वहीं 2013 में यह आंकड़ा बढ़कर 25.5 करोड़ से ज्यादा हो गया। भारत के पास 2008 में अनाज के भंडारण की क्षमता सिर्फ 13 लाख टन की थी। 2013 में यह क्षमता 7.18 करोड़ टन हो गई, यानि कुल उत्पादन का 28 फीसदी अनाज ही भारत सरकार द्वारा सुरक्षित रखा जा सकता है। खाने की बर्बादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार केन्द्र की पूर्ववर्ती सरकारों को फटकार लगाई है।
संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत की 15.2 फीसदी आबादी को पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं खाद्य सुरक्षा समेत गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के बावजूद भारत में गरीबी घटने की दर भी सबसे कम है। 1600 केस पर सिर्फ एक जज, 20 लाख को 10 साल से नहीं मिला न्याय
भारत में खाने की एक तिहाई भंडारण क्षमता
भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। फल और सब्जियों के उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। फिर भी देश के 19 करोड़ से ज्यादा लोगों को खाना नहीं मिल पाता। भारत में खाने की बर्बादी की सबसे बड़ी वजह भंडारण क्षमता में कमी है। 2008 में जहां देश में 23 करोड़ टन अनाज पैदा होता था, वहीं 2013 में यह आंकड़ा बढ़कर 25.5 करोड़ से ज्यादा हो गया। भारत के पास 2008 में अनाज के भंडारण की क्षमता सिर्फ 13 लाख टन की थी। 2013 में यह क्षमता 7.18 करोड़ टन हो गई, यानि कुल उत्पादन का 28 फीसदी अनाज ही भारत सरकार द्वारा सुरक्षित रखा जा सकता है। खाने की बर्बादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार केन्द्र की पूर्ववर्ती सरकारों को फटकार लगाई है।
DESH KI SATTA KI , NYAY KI , IAS,IPS,IRS,IFS SOCHO-MANAN KARO. AAZADI DEKAR GAYE KI AATMAYE ROTI HOGI KI HAM SHAHID KYON HUA.AAZADI KE KARAN AAPAKO YE POST MILI, ADHIKAR MILE . AAZ YADI 19 KAROD BHUKHE SOTE H TO KUDARAT KA KANOON AAP PAR KATHOR DANDE KA VIDHAN KAR SAKATA H. KUDARAT KA KANOON ATAL H . ITIHASH ISAKA SHAKSHI H. SATY AUR NYAY KE MALIK KI JAY HO.
ReplyDeleteDESH KI SATTA KI , NYAY KI , IAS,IPS,IRS,IFS KI KURSEE PAR BATHE HUO SOCHO-MANAN KARO. AAZADI DEKAR GAYE KI AATMAYE ROTI HOGI KI HAM SHAHID KYON HUA.AAZADI KE KARAN AAPAKO YE POST MILI, ADHIKAR MILE . AAZ YADI 19 KAROD BHUKHE SOTE H TO KUDARAT KA KANOON AAP PAR KATHOR DANDE KA VIDHAN KAR SAKATA H. KUDARAT KA KANOON ATAL H . ITIHASH ISAKA SHAKSHI H. SATY AUR NYAY KE MALIK KI JAY HO.
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