12:20:00 PM


मिस्टर डॉनोल्ड ट्रंप, 

मैं उम्मीद करती हूं कि आपका राष्ट्रपति चुनाव अभियान जल्द खत्म  हो और आप अपनी गगनचुंबी इमारतों में वापस लौट जाएं। 

हाल ही में मैं एक कॉफी शाप की कतार में खड़ी थी। अचानक ही मुझसे एक सवाल पूछा गया। ‘क्या  मैं मुस्लमान हूं?’  मुझे तुरंत ही आपका ख्याल आ गया। आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि अगर अचानक आपसे कोई इस तरह का सवाल करे तो आपको कैसा महसूस होता है। इस सवाल के साथ मुझे ये महसूस करवाया गया कि हां तुम हम में से नहीं हो। हां तुम इस देश का हिस्सा नहीं हो। अगर मुझसे पहले कोई मेरी पहचान पूछता था तो मैं कहती थी कि मैं एक अमेरिकी हूं। लेकिन आप जैसे कुछ लोगों के लिए ये जवाब काफी नहीं है। मुझसे ऐसा सवाल इसलिए पूछा गया क्योंकि मेरी चमड़ी भूरी है। 

मैंने आपकी पिछले साल नवंबर की कुछ वीडियो क्लिप देखी। आपने उसमें कहा कि 9/11 के बाद आपने मुस्लमानों को सड़कों पर नाचते हुए देखा। आपको शिकायतें फोन पर भी मिलीं। सेंट बर्नाडिनो के दिसंबर के हमले के बाद आपने ये सारी बातें कहीं जिसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। ये सारी बातें गलत हैं। आपने कहा कि हमें अब सतर्क होने की जरूरत है। अमेरिकियों को बाहरी लोगों के लिए ‘मतलबी और बुरा’ होना पड़ेगा। 


आपकी सलाह से पहले ही हमारे साथ कई बुरी चीजें घटित हो चुकी हैं। एक सिख को सिर्फ इसलिए मार दिया जाता है क्योंकि आप जैसे लोगों को लगता है कि वह मुस्लमान हैं। एक वृद्ध व्यक्ति को पुलिस सिर्फ इसलिए मारती है क्योंकि वह ठीक अंग्रेजी बोलना नहीं जानता। इतने साल अमेरिका में रहने के बाद भी मुझसे कहा जाता है कि मुझे अपने घर लौट जाना चाहिए। मुझे अपनी बातें सिर्फ इसलिए दोहरानी पड़ती हैं क्योंकि मेरी अंग्रेजी लोगों को एक बार में समझ नहीं आती। अगर इस देश को आपके हिसाब से बुरा और मतलबी हो जाना चाहिए तो मुझे डर लगता है अमेरिका में अपनी जिंदगी के बारे में सोच कर।


हम प्रवासियों के इस देश में आप प्रवासियों की ताकत को कम आंक रहे हैं। ये आप जैसे अमेरिकी लोगों की गलतफहमी है। क्योंकि हम भी उतने ही अमेरिकी है जितने की आप। बल्कि हम आपसे ज्यादा अमेरिकी हैं। क्योंकि हम इस देश के मुलभूत सिद्धांतों -आजादी और समानता का पालन करते हैं। 

मिस्टर ट्रंप, हमारा अमेरिका ‘प्रवासियों का देश’ है। हम सब अमेरिकी हैं और ये हमारा देश है। कोई भी इस देश में नस्लवाद की भावना को भड़का कर हमको तोड़ नहीं सकता। 

(लेखिका चंद्रा गांगुली कैलिफोर्निया की एक ब्लॉगर हैं)

0 comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...